नेताओं की भरी तिजोड़ी है।
गरीबों की खाली झोली है।
होना चाहिये पीठ पर बस्ता,
कूड़ा करकट भरी बोरी है।
हाथों में कटोरा भीख का,
जीवन यापन की मजबूरी है।
"दाता के नाम पर दे दो बाबा"
ये इनकी दर्द भरी बोली है।
सर्व शिक्षा अभियान की,
इन मासूमों ने पोल खोली है।
-पारसमणि अग्रवाल
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