फैशन के युग में फैशन की दीवाली मनाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
बदलते वक्त के साथ बदल डालो रिवाज,
दीपक हुये पुराने अब तो झालर जलाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
पर्यावरण की चिन्ता को बैठी है दो-दो सरकार,
तुम तो जश्न में ग्लैमर का तड़का लगाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
कंही पड़ोसी निकल न जाये तुम से आगे,
वो सौ की तुम हजार की बारूद चलाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
भले ही लौटना पड़े भिखारी को खाली पेट,
पर दीपावली पारस तुम शान से मनाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
आपकी टीका-टिप्पणियो का आकांक्षी
पारसमणि अग्रवाल
7524820277
3 टिप्पणियाँ
[11/12, 23:37] parasmaniagrawala: फैशन के युग में फैशन की दीवाली मनाओ।
जवाब देंहटाएंग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
बदलते वक्त के साथ बदल डालो रिवाज,
दीपक हुये पुराने अब तो झालर जलाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
पर्यावरण की चिन्ता को बैठी है दो-दो सरकार,
तुम तो जश्न में ग्लैमर का तड़का लगाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
कंही पड़ोसी निकल न जाये तुम से आगे,
वो सौ की तुम हजार की बारूद चलाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
भले ही लौटना पड़े भिखारी को खाली पेट,
पर दीपावली पारस तुम शान से मनाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
आपकी टीका-टिप्पणियो का आकांक्षी
पारसमणि अग्रवाल
7524820277
[11/13, 20:22] +91 98377 18374: अग्रवाल साहब आप की कविता की हम दिल से प्रशंसा करते हैं,...
आगे भी शिक्षाप्रद कविताएँ शेयर करते रहें
गुज़ारिश है हमारी !
आप का भाई.,
हाजी तनवीर अहमद मद नी कासगंज 9837718374
[11/13, 21:51] parasmaniagrawala: बहुत बहुत शुक्रिया हाजी जी
जब तक मेरी अंगुलिया कीबोर्ड पर थिरकती रहेगी ये आशा ही नही विश्वास है कि इंशाल्ला तब तक अपनी रचनाओं से आपका आशीर्वाद पाता रहूँगा।
व्हाट्सएप्प के माध्यम से प्राप्त
[11/12, 23:33] parasmaniagrawala: फैशन के युग में फैशन की दीवाली मनाओ।
जवाब देंहटाएंग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
बदलते वक्त के साथ बदल डालो रिवाज,
दीपक हुये पुराने अब तो झालर जलाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
पर्यावरण की चिन्ता को बैठी है दो-दो सरकार,
तुम तो जश्न में ग्लैमर का तड़का लगाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
कंही पड़ोसी निकल न जाये तुम से आगे,
वो सौ की तुम हजार की बारूद चलाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
भले ही लौटना पड़े भिखारी को खाली पेट,
पर दीपावली पारस तुम शान से मनाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
आपकी टीका-टिप्पणियो का आकांक्षी
पारसमणि अग्रवाल
7524820277
[11/12, 23:36] शफी: बहुत खूब पारस आज के हालात पर अच्छी कविता
बधाई हो
[11/12, 23:36] parasmaniagrawala: 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
व्हाट्सएप्प के माध्यम से प्राप्त
[11/12, 23:47] parasmaniagrawala: फैशन के युग में फैशन की दीवाली मनाओ।
जवाब देंहटाएंग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
बदलते वक्त के साथ बदल डालो रिवाज,
दीपक हुये पुराने अब तो झालर जलाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
पर्यावरण की चिन्ता को बैठी है दो-दो सरकार,
तुम तो जश्न में ग्लैमर का तड़का लगाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
कंही पड़ोसी निकल न जाये तुम से आगे,
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ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
भले ही लौटना पड़े भिखारी को खाली पेट,
पर दीपावली पारस तुम शान से मनाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
आपकी टीका-टिप्पणियो का आकांक्षी
पारसमणि अग्रवाल
7524820277
[11/12, 23:51] Ranjeet Ranjan: Achha hai
[11/12, 23:51] Ranjeet Ranjan: Sundar
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