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एकांकी - मौत की सिफारिश

पात्र-
1. माँ
2. राजू
3. अभिषेक (राजू का मित्र)
4. पुलिस
5. महिला मित्र
6. किन्नर
7. सूत्रधार

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(घर के बाहर का दृश्य, राजू एवं उसका मित्र अभिषेक मोटरसाईकिल पर बैठा है। घर के मुख्य द्वार पर उसकी माँ खड़ी होती है।)
माँ-  राजू, बाहर जा रहे हो गाड़ी के कागज़ ले लिये।
राजू- इसकी क्या जरूरत है?
माँ- गाड़ी के कागज अपना लाइसेंस हमेशा साथ लेकर ही चलना चाहिये। गाड़ी के कागज अपने साथ ले जाओ।
राजू- आप खमोखा परेशान हो रही कुछ नहीँ होगा।
माँ- कागज नहीँ ले जा रहे तो कम से कम हैलमेट तो लगा लो।
अभिषेक- पास के गांव तक ही तो जाना है हैलमेट की क्या जरूरत?
माँ- बेटा बात पास या दूर की नहीँ बात सुरक्षा की है। बात यातायात के बनाये नियमो के पालन करने की है।
अभिषेक- नियम बनाये ही इसलिये जाते है कि उन्हें तोड़े जा सके वैसे भी अपनी सरकार है अपने कई ऐसे नेता है जिनके एक कॉल पर पुलिस पसीने से नहा जाती है और गाड़ी छोड़नी पड़ती है।

(अभिषेक मोटरसाईकिल स्टार्ट करके जाता है और आगे चौराहे पर पुलिस उसे रोकती है।)

पुलिस- रूकिये, रूकिये।

(अभिषेक गाड़ी रोकता है।)

पुलिस- गाड़ी साइड में लगाओ और गाड़ी के कागज दिखाओ।

(अभिषेक गाड़ी साइड में लगाता है और उनसे बात करता है।)

अभिषेक- गाड़ी के कागज तो नहीँ है।
पुलिस- अच्छा, चल गाड़ी का बीमा दिखा।
राजू- गाड़ी का बीमा नहीँ है।
पुलिस- ड्राईवर लाइसेंस तो होगा वही दिखा यदि दिखा दिया तो छोड़ दूंगा।
अभिषेक- यह भी नहीँ है।
पुलिस- तब तो तेरा चालान होगा। हैलमेट क्यों लगाकर नहीँ चलता? तेरे बाप ने गाड़ी दिला दी और हैलमेट नहीँ दिलाया क्या?
राजू (बेख़ौफ़ अंदाज में)- दिलाया है पर पहनने की आदत नहीँ है और कागज याद नहीँ रहे।
पुलिस- चल मै याद दिला देता हूँ
(यह कहते हुये पुलिस उसकी गाड़ी की चाबी निकाल लेता है और चालान रजिस्ट्रर हाथ में उठा लेता है।)

अभिषेक- एक मिनिट रूकिये
(अभिषेक अपना मोबाइल से नेताजी से कॉल करता है।)

अभिषेक- हैलो, भाईसाहब चरणस्पर्श, पंखनगर चौराहे पर हूँ पुलिस ने मेरी गाड़ी पकड़ ली है (थोड़ा रुककर) जी जी भाई साहब अभी बात कराता हूँ।
(अभिषेक पुलिस को मोबाइल देते हुए बात करने के लिये कहता है।)

अभिषेक- नेताजी से बात कर लीजिये।
पुलिस- (गुस्से में) मुझे किसी से बात नहीँ करनी तुम कागज दिखाओ वरना गाड़ी सीज कर दूंगा।
(अभिषेक फोन पर बात करता है।)

अभिषेक- भाईसाहब एस0आई0 साहब बात कर रहे है।(थोड़ा रुकते हुये) जी जी भाई साहब बहुत-बहुत धन्यवाद।
(अभिषेक कॉल समाप्त कर अपना मोबाइल जेब में रखता है। पुलिस वाले का मोबाइल बजता है वह बात करता है।)

पुलिस- हैलो जी जी सर (घबराते हुये) उसने बताया ही नहीँ की आपका सम्बन्धी है।(थोड़ा रुकते हुये) जी सर,अभी छोड़ता हूँ।
(पुलिस कॉल समाप्त कर अपना मोबाइल रखता है और अभिषेक को चाबी वापस कर देता है।)

पुलिस- ये पकड़ो चाबी आइन्दा बता दिया करो की नेताजी के आदमी हो।
(अभिषेक चाबी लेता है और गाड़ी स्टार्ट करके गाना गाते हुये चल देता है।)

अभिषेक- मस्त दिल,सुहाना सफर,मौसम हसीं।
नहीँ है डर पुलिस मिल जाये चाहें कहीं।
(अभिषेक गाड़ी तेज लहराहाती हुई चलाता है। थोड़ी दूर चलने पर किन्नर उसे रोकता है।)

किन्नर-

शेष जल्द ही

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