👳🏻👳🏻👳🏻 दमाद चालीसा 👳🏻👳🏻👳🏻
जय जय जय दमाद महाराज।
पूरो भयो अब हमरो काज।
बना हमारी लाड़ली को अपना,
बड़ौ उपकार कर दयो आज।
कर रहे आज आप पर नाज। जय जय जय दमाद महाराज।।
हो गई नन्ही परी जब सियानी।
हो उठी चिंता बनाने को रानी।।
तिजोरी में अपने चादर को खंगाला। कैसा हो वर यह सवाल मन में पाला।।
क्योंकि यह अनोखी रीति है। गुणों से नहीँ धन से प्रीति है।।
बजट जैसा आपका हो जायेगा। वैसा ही दमाद मिल जायेगा।।
भले ही पश्चिमी हवा टिकाऊ है। पर आज हर एक रिश्ता बिकाऊ है।।
नोकरी वाले के लिये दस लाख लाइये। उच्च मानकों का आप दमाद पाइये।।
अगर है कम तो ख़्वाब न होने चाहिये। बेरोजगार में ही काम चलाइये।।
हो यदि वैश्य समाज से तो लाभ पाइये। चूल्हा भी वर पक्ष से जलवाइये।।
सबमिल जुलकर जश्न मनाइये। गाथा महाराज की गाइये।।
कार्य प्रगति पर है जल्द ही पूरा चलीसा आपकी सेवा में होगा
पारसमणि अग्रवाल
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