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अज्ञात प्रेमिका के नाम पत्र-३- "तू न सही तेरी यादें तो है"

प्रिय छिपकली
              ढेर सारा प्यार

मालूम है बहुत दिनों बाद तुम्हें पत्र लिख रहा तुम गुस्सा जरूर होगी हमसे, तुम्हारी गुस्सा जायज भी है आशा है तुम अच्छी होगी मै भी अच्छा हूँ। अकेलेपन का अहसास हो तुम, दोस्तों का मजाक हो तुम जो तुम हो उसकी शब्दों में व्याख्या नहीं की जा सकती क्योंकि प्यार कोई परिभाषा नहीं वो तो अहसास है।
     पता पगली, तुम्हारी खोज की यात्रा में एक पड़ाव ऐसा भी आया जंहा लगने लगा था कि यही मेरी मंजिल है लेकिन सम्भवतः वह एक स्वप्न जैसा था । सरल सौम्य स्वभाव में तुम्हारी छवि देखने लगी थी रात बेचैनी में गुजरने लगी थी दिन उसे निहारने में, लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हो रही थी उससे अपने जज्बात कहने की, कुछ अपनों ने हिम्मत दी तो बातचीत का सिलसिला चालू हो गया था लेकिन अब तक मन की बात नहीं बोल पाए थे। मेरा हाल देखकर मेरे अपने भी परेशान थे उन्होंने अपनी बात बोलने को विवश कर दिया रक्षाबन्धन की तस्वीर को आधार बनाकर उसे प्रपोज कर दिया लेकिन जवाब सकारात्मक नहीं आया। लेकिन मन अब भी परेशान था कुछ काम मे भी मन नही लग रहा था बस दिनभर चोरी छिपे उसकी dp देखने मे समय गुजरता जा रहा था अचानक से पता चला कि जो हमारी मंजिल थी वो किसी ओर की जिंदगी हो गई। अपनी खुशियों के लिए किसी की खुशियों में दखलंदाजी न हो इस सोच के साथ बात को पुख्ता करने के लिए उसकी एक सहपाठी का सहारा लिए। उसने भी उससे यह कहकर इनकार कर दिया कि मेरे तरफ से कुछ नही है वह ही पगलाए हुए है।
            सच मे छिपकली लग तो ऐसा ही रहा था जैसे हम पगलाए ही गये हो क्योंकि यह सब जानने के बाद मानो ऐसा लगने लगा था कि जैसे सबकुछ खत्म हो गया हो। यंहा तक की खाना पीना भी बंद सा हो गया था। इस साल ही मिली नई नवेली बहिन ने उस दर्दनाक समय मे ख्याल रखा और साथ बैठकर खाना खिलाया। साथ ही जिसने उससे बात की थी वो आंखों को देखकर यही सवाल दागती आप रोये थे न? मजबूरी हो गई थी दर्द को छुपाने की, वेवजह मुस्कुराने की।
            खैर अब ठीक हूँ वो न सही उसकी यादें ही सही यानी कि तुम न सही तुम्हारी यादें ही जिंदा रहने के लिए काफी है। सुना है कि इसी महीने उनके रिलेशनशिप को एक साल पूरा होने वाला है सच्चे दिल से ढेर सारी शुभकामनाएं । क्योंकि तुम्हारी खुशी ही हमारी खुशी है। अपना ख्याल रखना और हा रोना बिल्कुल भी मत मै एकदम ठीक हूँ बस अकेलेपन से प्यार सा हो गया। खाना समय पर खाती रहना सेहत का ख्याल रखना ढेर सारा प्यार। अलविदा

        तुम्हारा
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विशेष- ये मौलिक एवं कल्पना की गई रचना है व्यक्तिगत जीवन से जोड़ने का कष्ट न करें☺️💐

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