जनता दर्शन में फरियाद सुन भावुक हुए डीएम कहा– मन लगाकर पढ़ो और अपने सपनों को पूरा करो*
*उरई।* जनपद के जनता दर्शन में बुधवार का दिन सभी के लिए अविस्मरणीय बन गया। जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पाण्डेय आम जनता की समस्याएँ सुन रहे थे। अचानक भीड़ में से एक महिला अपनी बेटी के साथ आगे आई। महिला का नाम पार्वती देवी था और उसके साथ नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली पुत्री जानवी वर्मा थी। जब पार्वती देवी ने अपनी पीड़ा जिलाधिकारी को सुनाई तो पूरा माहौल भावुक हो उठा। पार्वती देवी ने शिकायती पत्र सौंपते हुए बताया कि उनके पति का 2019 में निधन हो चुका है। बीमा पॉलिसी की राशि उन्हें अब तक प्राप्त नहीं हुई है। यही नहीं परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी पूरी तरह उन्हीं के कंधों पर है। उन्होंने रोते हुए कहा कि साहब मैं घर-घर जाकर काम करती हूँ और किसी तरह से घर का खर्च चलाती हूँ। जिलाधिकारी ने धैर्यपूर्वक पूरी बात सुनी और आत्मीयता से बातचीत शुरू की। उन्होंने छात्रा जानवी से बड़े ही स्नेहपूर्ण स्वर में पूछा – “बेटा तुम पढ़ाई कर रही हो?” मासूम जानवी ने जवाब दिया – “जी साहब मैं नाइंथ क्लास में पढ़ती हूँ।” इस पर जिलाधिकारी मुस्कुराए और कहा – “मन लगाकर पढ़ो, जो ठाना है उसे पूरा करके दिखाना।” जब जानवी ने बताया कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं और वह भी पिछले कई वर्षों से तो वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो उठे। जिलाधिकारी की आँखों में भी करुणा और संवेदना साफ झलकने लगी। उसी क्षण उन्होंने घोषणा करते हुए कहा – “जानवी की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी अब मैं खुद उठाऊँगा। उसकी शिक्षा-दीक्षा और आगे की पढ़ाई में किसी तरह की कोई बाधा नहीं आएगी।” यह सुनते ही जनता दर्शन का माहौल गमगीन से प्रेरणादायी हो गया। उपस्थित सभी लोग जिलाधिकारी की इस पहल से अभिभूत हो उठे। हर कोई जानवी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करने लगा। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय के इस मानवीय निर्णय ने यह संदेश दिया कि प्रशासन सिर्फ नियम और कानून का पालन कराने तक ही सीमित नहीं है बल्कि समाज की कमजोर कड़ी को सहारा देने की जिम्मेदारी भी उसी की है। उनकी इस पहल से न केवल एक छात्रा की जिंदगी बदलने जा रही है बल्कि समाज में भी यह संदेश गया कि शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है और इसे पाने का हक हर बच्चे को है। जनता दर्शन का यह क्षण वहाँ उपस्थित लोगों के दिलों में हमेशा के लिए बस गया। लोग आपस में चर्चा करने लगे कि यदि हर अधिकारी इसी तरह संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का परिचय दे तो कई गरीब और जरूरतमंद परिवारों की किस्मत बदल सकती है। जिलाधिकारी ने अंत में जानवी को प्रोत्साहित करते हुए कहा – “बेटा, कठिनाइयाँ जीवन का हिस्सा हैं। इन्हें कभी अपनी कमजोरी मत बनाना बल्कि पढ़ाई के माध्यम से इन्हें हराना। तुम्हारे सपनों को पूरा करने में अब कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।” यह भावुक और प्रेरणादायी दृश्य जनता दर्शन की कार्यवाही का सबसे खास पल बन गया। लोगों ने न केवल जिलाधिकारी की सराहना की बल्कि बच्ची के उज्ज्वल भविष्य के लिए दिल से दुआएँ भी दीं।
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