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ध्यान दें आवश्यकता है एक गर्ल फ्रेण्ड की

ध्यान दें आवश्यकता है एक गर्ल फ्रेण्ड की
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पारसमणि अग्रवाल






ध्यान दीजिये आवश्यकता है एक गर्ल फ्रेण्ड की। चौंकिये मत, आप सही पढ़ रहे है जी हॉ......आवश्यकता है एक गर्ल फ्रेण्ड की। बाजारवाद के युग में यह मॉग प्रबल होती जा रही है इसके उपभोक्ताओं की संख्या में भी दिन-दूगनी रात-चौगनी वृद्धि होती जा रही है। किशोरावस्था की दहलीज से युवावस्था की दहलीज तक पहॅुच चुके विद्यार्थियों द्वारा पश्चात् संस्कृति के इस उत्पाद को आम जन जीवन की आवश्यकता बनाने में कोई कोरी कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
गर्ल फ्रेण्ड शब्द को कुछ इस तरह समझा जाये तो मायने कुछ और निकल के आते है गर्ल मतलब लड़की एवं फ्रेण्ड मतलब मित्र अर्थात् गर्लफ्रेण्ड से तात्पर्य है कि लड़की मित्र। सुनने को मिलता है कि सृष्टि का नियम है परिवर्तन शायद वक्त ही अपनी बढ़ती गति के साथ गर्लफ्रेण्ड शब्द के अर्थ को बदल गया और इस शब्द को प्रेमिका का पर्याय बना गया। आधुनिक परिवेश में गर्लफ्रेण्ड का मतलब ही सीधा प्रेमिका से होता है चलो इस बात को भी स्वीकार लेते है कि परिस्थितियों के मुताबिक शब्द खुद के अर्थ सृजित कर लेते है लेकिन जहन में एक सवाल गुलाब के पौधे में लगे कांटे की तरह चुभकर जवाब पाने को बेताब है कि आज के हालातों में गर्लफ्रेण्ड को प्रेमिका होने का स्वर्ण पदक प्रदान कर दिया गया तो ऐसे में एक लड़की मित्र को किस शब्द से नवाजेंगे ? क्योंकि जनाब लड़की मित्र और प्रेमिका में बहुत अन्तर होता है। इस क्षेत्र में मैं बिल्कुल नादान और अनुभवहीन हॅू इसलिये सवाल के जवाब पाने की तलाश में आपका सहयोग भी प्रार्थनीय है।
वर्तमान बाजार में पश्चात् संस्कृति के गर्ल फ्रेण्ड नामक उत्पाद की उपभोक्ताओं में बड़े पैमाने पर मॉग है दस में से हर 8 युवा इस उत्पाद का उपभोक्ता होगा या उपभोक्ता बनने की लालशा रखता होगा । इसलिये आगामी समय में पश्चात् संस्कृति के गर्लफ्रेण्ड नामक सुन्दर, सुशील, धनवान उत्पाद की मॉग में कमी आने की कतई सम्भावना नहीं है। अर्थशास्त्र का भी मानना है कि बाजार में जिस उत्पाद की मॉग उपभोक्ताओं द्वारा अधिक मात्रा में की जाये उपभोक्ताओं की मॉग के अनुरूप उसकी अपूर्ति करना बेहद ही कठिन होता है और वस्तु का मूल्य अधिक हो जाता है हालांकि यहॉ मूल्य से सम्बन्धित कोई गम्भीर चिंता की बात नहीं है क्योंकि इस उत्पाद के प्रेमी उपभोक्ता इसका मूल्य अपने फीस के रूपयों से उसके मोबाइल में बैलेन्स डलाकर एवं अन्य तरीकों से अदा करने में सक्षम है लेकिन मॉग अधिक होने के वजह से उत्पाद उपभोक्ताओं तक बड़ी मशक्कत के पास पहॅुच पा रहा है इस समस्या के हल भी पश्चात् उत्पादक विशेषज्ञों द्वारा खोजे जा रहे है यदि यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब आपको इस टैग लाइन के विज्ञापन पढ़ने को मिल जायेंगे कि ‘‘ध्यान दें आवश्यकता है एक गर्लफ्रेण्ड की।’’