का चम्मचा भइया...ई बार तुम फिर हार गए..बार बार हारन लगे सो बोलन लगे कि हम नहीं खेल रहे जाओ जो कोनउ बात थोड़े ही भई। तुमाई हार में सहानूभूति हमउ रखत लेकिन खेल बंद कर दो ऐसे थोड़े ही होत, जाको तो सीधो सीधो मतलब है कि हमाए अच्छे दिन आ गए जासे जलन लगे तुम चम्मचा भइया...
देखो चम्मचा भइया हमाए बड़े बूढ़े कह गए थे कि ‘‘बेटा मेहनत को फल मिलत है।’’ और देखो किस्मत हमाई इत्ती अच्छी कि उनकी बात एकदम सोने सी खरी हो गई। जा हमाई मेहनत को ही प्रताप मानो कि और लोगन की तरह हमें धूल में नहीं फिरने पड़ो, ठाठ से मंहगी गाड़ी से धूमे, और ऐसे वैसे घर में नहीं बल्कि एसी वाले वाले आवास में रहे, पॉलिस की खुराक भी हमें जमके मिली, जाने कितने मंचों पे हम गए जाने कित्ते लोगन से मिले अगर गिनवे बैठजे तो हमाई तो अंगुरिया ही दर्द होन लग। हालांकि तुम बराबरी कबहु नहीं कर पे हो लेकिन फिर भी चम्मचा भइया उदास न हो तुम भी मेहनती हो चुनाव आ गए तो तुमायो इनाम जरूर मिले जासे बिल्कुल चिन्ता न करियो हमाई बात मानो और लगे रहो चम्मचागिरी में कायसे अब अच्छे दिन तुमाए भी आवे वाले है।
अरे हम तो भूलई गए थे हम अपनी कहानी सुना रहे थे तो सुनो भइया जो तो कछु नहीं है अब तुमई सोच लो कि हमाए मालिक हमाई बफादारी से, मेहनत से और तपस्या से कित्ते खुष है कि उनने हमें ऐरे गेरे पे नहीं बल्कि एक विधानसभा का नेतृत्व करने वाले जिम्मेदार पर मारो। वो जिम्मेदार और कोउ नहीं उनई के घर को हतो जा से हमाए भाग एकदम से खुल गए जिते देखो उते हम दिखाई दे रहे चाहे अखबारन में देख लो चाहे पत्रिका में देख लो चाहे मोबाइल पे देख लो और सिर्फ इत्तो ही नहीं टीवी पे भी हमाई फोटो आ रही मतलब राजनीति को अनैकिता की खाई में हम एक बार फिर गिराबे में सफल हो गए समाज में का मैसेज जा रहो वासे हमें का करने, हमें तो अपनी चर्चा से मतलब है जा से चम्मचा भइया तुमहु प्रार्थना करो कि अगले जन्म मुझे जूता ही बनईयो, भगवान प्रार्थना सुन लेवे अब हम जा रहे टीवी पे अपनी चर्चा सुनवे खास बातचीत रखी गई। पा लागे चम्मचा भइया।
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