फैशन के युग में फैशन की दीवाली मनाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
बदलते वक्त के साथ बदल डालो रिवाज,
दीपक हुये पुराने अब तो झालर जलाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
पर्यावरण की चिन्ता को बैठी है दो-दो सरकार,
तुम तो जश्न में ग्लैमर का तड़का लगाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
कंही पड़ोसी निकल न जाये तुम से आगे,
वो सौ की तुम हजार की बारूद चलाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
भले ही लौटना पड़े भिखारी को खाली पेट,
पर दीपावली पारस तुम शान से मनाओ।
ग्लोबल वार्मिंग तुम भी शामिल होने आओ।
आपकी टीका-टिप्पणियो का आकांक्षी
पारसमणि अग्रवाल
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