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कोई गिला नही है,मन्दिरो में नमाज अदा करें इंसान हो,इंसानियत कर फर्ज अदा करें-ओंकार नाथ


*कोंच(जालौन)* हर महीने के पहले बुधवार को नगर की सबसे बड़ी साहित्यक संस्था बागीश्वरी साहित्य परिषद के बैनर तले पटेल नगर में स्थित श्री द्वारकाधीश मन्दिर में मासिक गोष्ठी आयोजित की गई इस गोष्ठी में चीफ गेस्ट श्यामसुंदर चौधरी रहे अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष ओर हास्य व्यंगकार अधिवक्ता ओंकार नाथ पाठक ने की जिसमे सन्तोष तिवारी सरल ने अपनी रचना पड़ी -कम से कम में काम चलाती है परिवार के कंधे से कंधा मिलाती है एक पत्नी अपने पति की उम्र बढ़ाने के लिये कठिन करवा चौथ का व्रत अपनाती है"नन्दराम स्वर्णकार भावुक ने कहा-बोलने की बात आज कहता हूं आपसे,बोलते है सभी पर बोल नही पाते है कहाँ कब बोलना और कैसे बोलना,कितना है बोलना ये तौल नहि पाते है"युवा साहित्कार पारस मणि अग्रवाल ने भी अपने पंक्तियां पड़ी बे बोले-पत्र पड़ा होता तो बात बन जाती मेरे भेजे खतों से किताब बन जाती" हास्य कवि ओंकार नाथ पाठक ने कहा"- कोई गिला नही है मन्दिरो में नमाज अदा करे इंसान हो,इंसानियत का फर्ज अदा करे, खोल दो दरवाजे मस्जिदों के,सभी मजहबो के लिये प्रेयर,कीर्तन और अरदास हम सब अदा करे आनन्द शर्मा अखिल ने अपनी रचना को पड़ा उन्होंने कहा" उसको देखा तो भर आईं आँखे,जिसको देखे जमाना गुजर गया 
 मुन्ना यादव विजय ने कहा "किसी ने आशुओँ की बजह बनना नही चाहा, स्वयं झुकता रहा हर बार जिद करना नही चाहा।।प्रेम चौधरी नदीम ने कहा"रूह उल्फत सबको मयस्सर नही होती,इल्म की दौलत सबको मयस्सर नही होती।।काली चरण सोनी ने कहा" कोरोना महा मारी की आई भयानक बाढ़'जैसे नदियो में आया हो उग उफान" मुन्ना अग्रवाल लोहे वाले ने कहा - कर्ज में पैर लटके है जहाँ की सेर करनी है ये वक्त ए इंसान इक़दत है भटकता क्यो है दुनिया मे।। इस गोष्ठी में चंदशेखर नगाइच कृष्ण गोपाल मुन्ना लोहे वाले सहित कई श्रोता मौजूद 
 रहे 
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