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पवन कुमार शर्मा "नीरज " के मुक्तक और गीत

 (    1   )

तेरी चाहत ने जाने जाँ, बनाया मुझको दीवाना
बिना तेरे लगे इक पल ,मेरा मुश्किल है जी पाना
तेरी इस जुस्तजूँ में जाने जाँ कुछ हाल है ऐसा
समाँ बन तू जहाँ जलती मैं बन आता हूँ परवाना ।।

 
                (     2       )
जुबाँ खामोश झुकी पलके, हया की ये निशानी है
सनम कर लो मौहब्बत चार दिन की जिन्दगानी है
नही मिलता जमाने मे सभी को प्यार जाने जाँ
ये जिनको मिलता है उन पर खुदा की मेहरबानी है ।।


                   (      3      )
कहीं बिजली चमकती है ,कहीं बादल गरजता है
कहीं सूखी जमीं बंजर ,कहीं सावन बरसता है
नही आता किसी को रास अफसाना मौहब्बत का
न जाने फिर भी क्यो इंसा, मौहब्बत को तरसता है।।


                  (      4        )
दर्दे दिल गुनगुनाने का ,गजल तो इक बहाना है
करो कोशिश भले लाखो ,मगर मुश्किल छुपाना है
हजारो रंग देखे है जमाने मे मौहब्बत के
कोई बनती हकीकत है, कोई बनता फँसाना है ।।



              (    गीत    )

       (  हिन्दू -मुस्लिम एकता और पाक को सलाह व चेतावनी  )

मेरे इस मुल्क का मुस्लिम भी इस भारत का वासी है
न फैला जहर नफरत का यहाँ कावा और काशी है ।
1-
न हम हिन्दू है न मुस्लिम ,न हम सिख और ईसाई है
सभी हिन्दोस्तानी है  ,भारत माँ सबकी माई है,
      न भड़का आग मजहब की, ये सब चाले सियासी है ।।
2-
गुरुनानक कोई अल्लाह ,कोई सांई राम कहता है
सभी संतान इक रव की ,वो  हर इक दिल मे रहता है,
      वही ओम,गुरु वाहे,वही सात सौ छियासी (786) है।।
3-
तेरा है नाम तो पाक  ,करे ना पाक हरकत है
तेरी कश्मीर पाने की ,न होगी पूरी हसरत है,
          मिटा देंगे तेरी हस्ती, करी अब जो बदमाशी है ।।


    

पवन कुमार शर्मा "नीरज "

      चौक मौहल्ला ,कामाँ
       भरतपुर राजस्थान
     पिन-  321022
मो0 -8742093262

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