ममता के इस बयान के बाद विपक्ष के अन्य नेताओं ने भी महाकुंभ के आयोजन पर सवाल उठाए हैं। वे भी इसे अव्यवस्था और बदइंतजामी का शिकार बता रहे हैं। उनका कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही से श्रद्धालुओं की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में लाखों लोग एकत्र होते हैं, ऐसे में व्यवस्था की गुणवत्ता और सुरक्षा महत्वपूर्ण होती है। ममता ने अपनी बात को रखते हुए यह भी कहा कि इस प्रकार के आयोजन में धार्मिक आस्थाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और प्रशासन को सभी लोगों के लिए समान सुविधाएं सुनिश्चित करनी चाहिए।
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Mamta ko desh ke janta se koi mamta nahe isaliye aisa bol rahe hai
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